अंबेडकर चालीसा
(डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को समर्पित)
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जय भीम का गूंजे नारा, सबपे बाबा का है सहारा।
ज्ञान-ज्योति की अलख जगाई, भारत मां की शान बढ़ाई।
चौपाई
भीमराव नाम महान, जीवन बना एक पहचान।
न्याय-समानता के राही, सब पे छाया उनकी छाही।
- जय जय बाबा साहेब प्यारे।
दलितों के तुम भाग्य सवारे।। - अस्पृश्यता से लड़ी लड़ाई।
मानवता की राह दिखाई।। - बचपन से थे बुद्धिमानी।
शिक्षा पाई देश विदेशी जानी।। - कोलंबिया से डिग्री लाई।
भारत की तक़दीर बनाई।। - कानूनों के ज्ञाता भारी।
संविधान के निर्माता न्यारी।। - कलम से रच दी नई कहानी।
इंसाफ की बोली जुबानी।। - समाज को जागरूक कर डाला।
हर बंधन से मुक्त कर डाला।। - छुआछूत को दूर भगाया।
समता का दीप जलाया।। - मजदूर, किसान, विद्यार्थी प्यारे।
सबके दिल में बसे तुम्हारे।। - हिन्दू कोड बिल से मचा हलचल।
मगर तुम अडिग, न माने विफल।। - बुद्ध धम्म को अपनाया।
शांति-सत्य का पंथ बताया।। - नागपुर में धर्म दिया सारा।
जगा दिया जन-जन का किनारा।। - बाबा का सपना था महान।
हर कोई हो शिक्षित इंसान।। - संविधान में लिखा संदेशा।
“न्याय मिले हर जन को जैसा।” - त्याग, तपस्या, श्रम की मूरत।
बाबा साहेब सच्ची सूरत।। - जीवन भर संघर्ष किए।
पर हिम्मत न कभी गवांए।। - दलित, पिछड़े, सबको सम्हाला।
भारत माता का रखवाला।। - अम्बेडकर अमर कहानी।
सबके मन की एक रवानी।। - तुम्ही हो भारत का ताज।
ज्ञान-क्रांति के हो सरताज।। - चरणों में शत शत प्रणाम।
बाबा साहेब तुम महान।।
दोहा
भीम रतन भारत में, उगता रहा उजास।
समानता, शिक्षा, समता — यही तुम्हारा प्रकाश।।