अंबेडकर चालीसा

(डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को समर्पित)

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जय भीम का गूंजे नारा, सबपे बाबा का है सहारा।
ज्ञान-ज्योति की अलख जगाई, भारत मां की शान बढ़ाई।

चौपाई
भीमराव नाम महान, जीवन बना एक पहचान।
न्याय-समानता के राही, सब पे छाया उनकी छाही।

  1. जय जय बाबा साहेब प्यारे।
    दलितों के तुम भाग्य सवारे।।
  2. अस्पृश्यता से लड़ी लड़ाई।
    मानवता की राह दिखाई।।
  3. बचपन से थे बुद्धिमानी।
    शिक्षा पाई देश विदेशी जानी।।
  4. कोलंबिया से डिग्री लाई।
    भारत की तक़दीर बनाई।।
  5. कानूनों के ज्ञाता भारी।
    संविधान के निर्माता न्यारी।।
  6. कलम से रच दी नई कहानी।
    इंसाफ की बोली जुबानी।।
  7. समाज को जागरूक कर डाला।
    हर बंधन से मुक्त कर डाला।।
  8. छुआछूत को दूर भगाया।
    समता का दीप जलाया।।
  9. मजदूर, किसान, विद्यार्थी प्यारे।
    सबके दिल में बसे तुम्हारे।।
  10. हिन्दू कोड बिल से मचा हलचल।
    मगर तुम अडिग, न माने विफल।।
  11. बुद्ध धम्म को अपनाया।
    शांति-सत्य का पंथ बताया।।
  12. नागपुर में धर्म दिया सारा।
    जगा दिया जन-जन का किनारा।।
  13. बाबा का सपना था महान।
    हर कोई हो शिक्षित इंसान।।
  14. संविधान में लिखा संदेशा।
    “न्याय मिले हर जन को जैसा।”
  15. त्याग, तपस्या, श्रम की मूरत।
    बाबा साहेब सच्ची सूरत।।
  16. जीवन भर संघर्ष किए।
    पर हिम्मत न कभी गवांए।।
  17. दलित, पिछड़े, सबको सम्हाला।
    भारत माता का रखवाला।।
  18. अम्बेडकर अमर कहानी।
    सबके मन की एक रवानी।।
  19. तुम्ही हो भारत का ताज।
    ज्ञान-क्रांति के हो सरताज।।
  20. चरणों में शत शत प्रणाम।
    बाबा साहेब तुम महान।।

दोहा
भीम रतन भारत में, उगता रहा उजास।
समानता, शिक्षा, समता — यही तुम्हारा प्रकाश।।