डॉ. ज़ाकिर हुसैन भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे जो अपनी महान व्यक्तित्व और विद्वता से देश और समाज की सेवा करते रहे। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ साधा और देश को उनकी महान विचारधारा के माध्यम से अग्रसर कराया।
जन्म 8 फरवरी 1897 को हुआ था, उनके पिता मशहूर वकील थे और वे बचपन से ही बड़े विद्वान और पढ़ा लिखा व्यक्ति थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई बनारस, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली और बर्लिन के विभिन्न संस्थानों से की थी।
डॉ. ज़ाकिर हुसैन ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना जीवन समर्पित किया और वे भारतीय शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए बहुत कुछ किया। वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष, डीन और अंततः उसके चार्मिनार विश्वविद्यालय के प्रथम वाइस चांसलर थे। उन्होंने अपनी योगदान से भारतीय शिक्षा प्रणाली को मौलिक रूप से बदला।
डॉ. ज़ाकिर हुसैन देश के लिए बहुत कुछ किया था। उन्होंने भारत की संविधान सभा के रूप में अपना योगदान दिया था और उन्होंने भारतीय संविधान का निर्माण भी किया था। वे देश के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी रहे थे।
डॉ. ज़ाकिर हुसैन भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति भी थे। उन्होंने 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था। उनके कार्यकाल में वे देश के लोगों के बीच अपनी महान व्यक्तित्व के माध्यम से एक अच्छे रिश्ते बनाने में सफल रहे थे। उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण किया और देश के विकास के लिए अपना योगदान दिया।
डॉ. ज़ाकिर हुसैन के लिए अंग्रेजी में कहा गया था कि “वे एक महान व्यक्तित्व थे, जो दुनिया को समझाते थे कि भारत का विस्तार वहाँ तक नहीं था जहाँ सीमा होती है”। उनकी महानता और विद्वता का उल्लेख विभिन्न संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाओं और सरकारी विभागों में भी था। उन्होंने अपनी जीवन के दौरान विभिन्न संस्थाओं के लिए धन दान किए और समाज के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
डॉ. ज़ाकिर हुसैन का जन्म 8 फरवरी 1897 को हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा दक्षिण भारत में प्राप्त की और बाद में अंग्रेजी और संस्कृत से संबंधित विषयों में उच्चतर शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान विभिन्न समाजसेवा कार्यों में भी भाग लिया।
डॉ. ज़ाकिर हुसैन को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार ने उन्हें विभिन्न पुरस्कार दिए हैं। उन्हें 1954 में भारत रत्न पुरस्कार, 1963 में पद्म भूषण पुरस्कार और 1966 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
डॉ. ज़ाकिर हुसैन 3 मई 1969 को अपने काम करते हुए ही निधन हो गए थे। उनका जाना एक बड़ी क्षति थी न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी। उनका नाम भारत के महान विचार जो प्रशंसकों और छात्रों के बीच अभी भी याद किया जाता है।
डॉ. ज़ाकिर हुसैन एक विश्व प्रसिद्ध शिक्षाविद थे जो भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति थे। वे एक अध्यापक, शिक्षाविद और विद्वान थे जो विश्वविद्यालय स्तर पर बहुत सम्मानित थे। उन्होंने अपने जीवन के दौरान अनेक अद्भुत कार्य किए और समाज के लिए बहुत कुछ किया।
उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भी अपना योगदान दिया और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी एक अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने जीवन के दौरान विभिन्न संस्थाओं के लिए धन दान किए और समाज के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
डॉ. ज़ाकिर हुसैन का जन्म 8 फरवरी 1897 को हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा दक्षिण भारत में प्राप्त की और बाद में अंग्रेजी और संस्कृत से संबंधित विषयों में उच्चतर शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान विभिन्न समाजसेवा कार्यों में भी भाग लिया।
डॉ. ज़ाकिर हुसैन ने अपनी कौशल के चलते अपने जीवन के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था। उन्होंने बैंकिंग और वित्तीय विषयों में बड़े अनुभव हासिल किए थे और अपने ज्ञान का उपयोग उन्होंने निम्नलिखित पदों पर करते हुए किया था।
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रथम उपाध्यक्ष (1926-1930)
- कोलकाता विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष (1936-1944)
- राष्ट्रपति भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति (1967-1969)
- उच्च शिक्षा और संस्कृति मंत्री (1952-1962)
- भारतीय संघ के नेता (1951-1953)
डॉ. ज़ाकिर हुसैन एक बहुत ही समझदार, सुदृढ़, विचारशील और बहुत ही विश्वसनीय व्यक्तित्व थे। उनके विचार विश्वविद्यालयों और संस्थाओं में बहुत प्रभावी रहे हैं। उनकी जीवनी में उनके द्वारा किए गए कार्यों और उनके द्वारा दिए गए संदेशों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।