एक बार बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं थे। इसका फायदा उठाकर कुछ पादरियों ने बीरबल के खिलाफ महाराज अपने अकबर के कान भोंकने शुरू कर दिए। उनमें से एक ने बोलना शुरू किया। आप अकेले बीरबल को सारी जिम्मेदारी देते हैं और उनकी सलाह आपके हर काम में शामिल होती है। इसका मतलब है कि आपको लगता है कि हम बेकार हैं… लेकिन आप नहीं हैं। हम मौखिक के समान ही सक्षम हैं।
बाबुल महाराजजी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। वह उनसे कुछ भी सुनना नहीं चाहता था, लेकिन अपने मंत्रियों को निराश न करने के लिए उसने एक उपाय निकाला। उस ने उन से कहा, परन्तु स्मरण रखना, यदि तुम इसका उत्तर न दे सके, तो हम सब को मार डाला जाएगा।
दरबारी महाराज की शर्तों से सहमत होने में हिचकिचा रहे थे, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि वे पहले प्रश्न पूछें।
राजा ने बहुत से लोगों से पूछा कि उन्हें क्या लगता है कि दुनिया की सबसे बड़ी चीज क्या है। किसी ने कहा सूरज, किसी ने कहा धरती, किसी ने कहा आसमान। लेकिन राजा को सबसे ज्यादा दिलचस्पी इस बात में थी कि बड़े शहर में रहने वाले लोग क्या कहते हैं। उन सभी ने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ी चीज गगनचुंबी इमारतें हैं।
यह सवाल सुनकर सभी मंत्री एक-दूसरे को घूरने लगे। महाराज ने उनकी दशा देखकर कहाः याद रखो, इस प्रश्न का उत्तर सटीक होना चाहिए। मुझे कोई शर्मनाक जवाब नहीं चाहिए।”
मंत्रियों ने इस प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए राजा से कुछ दिनों का समय मांगा। राजा भी मान गया। महल से बाहर आने के बाद सभी मंत्री इसका उत्तर खोजने लगे। पहले ने कहा कि संसार में सबसे बड़ा ईश्वर है। दूसरे ने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ी चीज भूख है। तीसरे ने कहा कि ईश्वर कोई वस्तु नहीं है और भूख भी सहन की जा सकती है। अत: राजा के प्रश्न का उत्तर इन दोनों में से कुछ भी नहीं है।
राजा ने जो प्रश्न पूछा था, उसके उत्तर की प्रतीक्षा मंत्रीगण बहुत दिनों से कर रहे थे, पर वे उसे ढूंढ़ नहीं पा रहे थे। अंत में, वे सभी मिले और बीरबल से पूछने का फैसला किया, जो पहले से ही जवाब जानते थे। बीरबल उनकी मदद करने के लिए तैयार हो गए और अगले दिन उन्होंने एक पालकी की व्यवस्था की। उसने दो मंत्रियों को पालकी में बिठाया, तीसरे ने हुक्का पकड़ा और चौथे ने बीरबल के जूते उतारे और उन्हें अंदर जाने में मदद की। फिर वे सभी राजा के महल की ओर चल पड़े।
जब सब लोग दरबार में पहुंचे तो बीरबल को खुद राजा से बात करते देख महाराज हैरान रह गए। बीरबल ने बादशाह से कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी चीज वज्र है। इससे सभी लोग बीरबल की पालकी उठाकर दरबार में ले आए थे।
यह खबर सुनकर महाराज इतने खुश हुए कि वे मुस्कुराए बिना नहीं रह सके। सभी मंत्रियों के सिर शर्म से झुक गए।
जब शेर ने जेबरा को देखा तो वह बहुत प्रभावित हुआ। वह जेब्रा से सीखना चाहता था कि बेहतर शिकारी कैसे बना जाता है। शेर ने ज़ेबरा से पूछा कि वह एक बेहतर शिकारी कैसे हो सकता है। ज़ेबरा ने शेर से कहा कि उसे अपने शिकार का पीछा करना और अपने पैरों पर तेज़ चलना सीखना होगा। शेर बहुत प्रभावित हुआ और ज़ेबरा ने उसे जो बताया था, उसे आज़माने का फैसला किया।
इस कहानी में, हम सीखते हैं कि ईर्ष्या महसूस करने के बजाय किसी और की सफलता के लिए खुश होना हमेशा बेहतर होता है। हम दूसरों से बहुत कुछ सीख सकते हैं, इसलिए हमें उनके लिए खुश होना चाहिए और ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए।